Listen 0:00

Virtual Digital Assets (VDA) क्या हैं?

भारत सरकार ने Virtual Digital Assets (VDA), जिसमें cryptocurrencies भी शामिल हैं, पर कर लगाने के लिए एक स्पष्ट ढाँचा स्थापित किया है। यह कदम crypto ecosystem को legitimacy प्रदान करता है, लेकिन इसके कुछ महत्वपूर्ण financial implications हैं जिन्हें हर investor को जानना चाहिए।

भारत सरकार ने Virtual Digital Assets (VDA), जिसमें cryptocurrencies भी शामिल हैं, पर कर लगाने के लिए एक स्पष्ट ढाँचा स्थापित किया है। यह कदम crypto ecosystem को legitimacy प्रदान करता है, लेकिन इसके कुछ महत्वपूर्ण financial implications हैं जिन्हें हर investor को जानना चाहिए। भारत में cryptocurrency निवेशकों के लिए, taxation rules को समझना अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

इस लेख में, हम VDA पर लगने वाले दो मुख्य कर प्रावधानों— Income Tax और TDS—को विस्तार से समझेंगे।

Virtual Digital Assets (VDA) क्या हैं?

भारत सरकार ने cryptocurrencies को currency नहीं माना है, बल्कि उन्हें Virtual Digital Assets (VDA) के रूप में वर्गीकृत किया है। इसका मतलब है कि ये assets किसी भी अन्य capital assets (जैसे stocks या real estate) से अलग तरीके से tax की जाती हैं।

Virtual-Digital-Assets

 

Taxation का उद्देश्य crypto transactions से होने वाले profit को monetize करना और trading activity पर कुछ हद तक traceability लाना है।

Income Tax on Virtual Digital Assets Gains

यह सबसे महत्वपूर्ण tax provision है जो Virtual Digital Assets (VDA) की बिक्री से होने वाले लाभ (gains) पर लागू होता है।

मुख्य बिंदु:

प्रावधान  विवरण 
Tax Rate Flat Tax
लागू VDA की बिक्री या transfer से होने वाले profit पर।
कोई Set-Off नहीं किसी भी VDA transaction में हुए loss को किसी अन्य crypto transaction के gain के विरुद्ध set off करने की अनुमति नहीं है।
No Deduction acquisition cost को छोड़कर Virtual Digital Assets (VDA) से संबंधित किसी भी अन्य खर्च या allowances की deduction की अनुमति नहीं है।

उदाहरण:

  • यदि आपने ₹1,00,000 में Bitcoin खरीदा और उसे ₹1,50,000 में बेच दिया।
  • Profit (Gain): ₹50,000
  • Tax Payable: ₹50,000 का

यह की दर आपकी income slab से स्वतंत्र है; यानी, भले ही आप सबसे निचले tax bracket में हों, crypto gains पर का flat tax लगेगा।

TDS on VDA Transactions

Tax Deducted at Source (TDS) का प्रावधान है और यह income tax से अलग है। यह TDS Virtual Digital Assets (VDA) की बिक्री या transfer के समय deduct किया जाता है, जिसका उद्देश्य transactions की traceability सुनिश्चित करना है।

मुख्य बिंदु:

प्रावधान  विवरण 
TDS Rate of the Consideration (बेची गई राशि का )
लागू Seller को भुगतान की गई total amount पर (केवल profit पर नहीं)।
कटौतीकर्ता Crypto Exchange (जैसे SunCrypto) या buyer (यदि peer-to-peer transaction है)।
Threshold TDS deduct करने की जिम्मेदारी तब उत्पन्न होती है जब transactions की राशि एक financial year में ₹50,000 (या कुछ मामलों में ₹10,000) से अधिक हो।

यह कैसे काम करता है?

  • जब आप SunCrypto जैसे exchange पर ₹1,00,000 की crypto बेचते हैं, तो exchange ₹1,000 ( of ₹1,00,000) TDS के रूप में deduct करेगा और आपको ₹99,000 का भुगतान करेगा।
  • Exchange यह TDS सरकार के पास जमा करेगा और आपको एक TDS certificate (फॉर्म 16A) प्रदान करेगा।
  • TDS एक प्रकार का advance tax है। आप इस TDS amount को अपने final tax liability ( tax) के विरुद्ध set off कर सकते हैं जब आप अपना Income Tax Return (ITR) दाखिल करते हैं।

गिफ्टिंग पर कर (Tax on Gifting)

यदि कोई Virtual Digital Assets (VDA) उपहार के रूप में प्राप्त होता है, तो प्राप्तकर्ता को उस asset के Fair Market Value (FMV) पर Tax का भुगतान करना पड़ सकता है।

निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?

यह tax structure निवेशकों के लिए निम्नलिखित चीजें सुनिश्चित करता है:

  • रिकॉर्ड रखना अनिवार्य: आपको अपने सभी crypto transactions का विस्तृत record रखना होगा ताकि ITR दाखिल करते समय gains की सही गणना की जा सके।
  • उच्च कराधान: चूंकि tax rate है और loss set-off की अनुमति नहीं है, investors को trading करते समय अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
  • अनुपालन और पारदर्शिता: TDS का प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि आपकी transactions Income Tax Department के लिए traceable रहें।

निष्कर्ष

भारत में cryptocurrency पर taxation के नियम स्पष्ट हैं: Virtual Digital Assets (VDA) की बिक्री से होने वाले profit पर का flat tax और सभी transactions के value पर का TDS। जबकि tax rate अधिक है और loss set-off की अनुमति नहीं है, यह framework crypto को एक asset class के रूप में recognize करता है और investors को legitimacy प्रदान करता है। एक जिम्मेदार investor के रूप में, आपको अपने transactions का उचित record रखना चाहिए, TDS certificate का उपयोग tax credit के लिए करना चाहिए, और अपने financial advisor से परामर्श करके सही समय पर ITR दाखिल करना चाहिए। Compliance ही crypto investment में सफलता की कुंजी है।

Disclaimer: क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित हैं और अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं। ऐसे लेनदेन से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए कोई नियामक सहारा नहीं हो सकता है। प्रदान की गई सभी सामग्री केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है, और निवेश सलाह के रूप में इस पर भरोसा नहीं किया जाएगा। हम आपको सलाह देते हैं कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले कृपया स्वयं शोध करें या किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।आप हमें [email protected] पर लिख सकते हैं।

Related Posts

NFT

NFTs क्या होते हैं और India में इनका Future क्या है?

NFTs (Non-Fungible Tokens) ने हाल के वर्षों में digital world में तूफान ला दिया है।

defi

DeFi क्या है और उससे पैसे कैसे कमाएँ?

DeFi (Decentralized Finance) blockchain technology पर आधारित एक क्रांतिकारी financial ecosystem है। यह पारंपरिक financial

crypto-trading

Crypto Trading के लिए Best Indicators

Crypto trading एक रोमांचक और गतिशील क्षेत्र है। इस अत्यधिक volatile market में सफल होने